गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाशोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह के शहीदी को समर्पित 26 दिसम्बर को ‘वीर बाल दिवस’ घोषित करने पर दमदमी टकसाल के मुखिया और संत समाज के अध्यक्ष संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा की प्रतिक्रिया सामने आई है। ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने कहा कि ऐसा करके प्रधानमंत्री ने 10वें पातशाह के साहिबजादों को सच्ची श्रद्धांजलि दी है।
ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने भारत में 26 दिसंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने और इसे ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने के लिए लिए गए निर्णय की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। GCBD बेलापुर, नई मुंबई में दशमेश पिता के अवतार दिवस पर बोलते हुए दमदमी टकसाल के प्रमुख ने कहा कि 325 वर्षों में भारत सरकार ने साहिबजादा की शहादत को श्रद्धांजलि देने के बारे में नहीं सोचा था, लेकिन प्रधानमंत्री ने यह निर्णय लेकर जहां अपना कर्तव्य पूरा किया वहीं चार साहिबजादों द्वारा हिंदू धर्म की रक्षा और गुरसिखी की खातिर दिए बलिदान, माता गुजर कौर और सिख पंथ की ऐतिहासिक भूमिका से अवगत कराने के लिए एक महान प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि मेरे सतगुरुओं के लाल की याद में इस दिन को समर्पित करने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के लोगों को उनके बलिदान और शहादत को याद करने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के इस कदम से देश का गौरव बढ़ा है और सिखों की पहचान विकसित हुई है। उन्होंने कहा कि जो कोई भी पंथ के लिए अच्छे काम करता है, उसकी आलोचना नहीं, प्रोत्साहित किया और सराहा जाना चाहिए।
उन्होंने इस संबंध में सतगुरु से सीखने की आवश्यकता पर बल दिया। शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता करनैल सिंह पीर मोहम्मद ने गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों की याद में 26 दिसंबर को ‘बाल दिवस’ के रूप में मनाने की मोदी की घोषणा का स्वागत किया। इस बीच शिरोमणि अकाली दल (यूनाइटेड) के महासचिव मंजीत सिंह भोमा ने भी श्री नरेंद्र मोदी के फैसले की सराहना की है।