Breaking
हाईप्रोफाइल स्कूल के हॉस्टल में 8 साल की मासूम से दरिंदगी की पूरी कहानी, रेप के बाद ऐसे किया बच्ची क... मानेगांव में अवैध ब्लास्टिंग से बिजली का पोल गिरा, अंधेरे में ग्रामीण सरकारी वाहन से अनाज की चोरी, वीडियो वायरल होने पर जांच शुरू बीएड में प्रवेश प्रक्रिया शुरू, हर साल खाली रह जाती हैं सीटें, यह कारण आया सामने आचार संहिता में रद्दी बेचने की निकाली निविदा, भेजा नोटिस बदमाशों ने जहां फोड़े थे कारों के कांच, वहीं पुलिस ने निकाला उनका जुलूस नकली पुलिस बन घर में घुसे, शिक्षक ने पकड़ कर असली पुलिस के हवाले किया इटली से आई पर्यटक युवती से खजुराहो में ठगी, 100 यूरो लेकर फरार हुआ युवक भाजपा से सौदेबाजी के सवाल पर बोले अक्षय बम, जो आदमी 15 लाख की घड़ी पहनता हो, उसे कोई क्या डील में देग... पांच साल बाद जेल से छूटा और शुरू कर दी सप्लाय, हथियारों की खेप लेते गिरफ्तार

दिव्यांग भगवानदीन ने काम के आगे नहीं आने दी दिव्यांगता, हौसलों से जीती हर जंग

Whats App

डिंडौरी: सहजपुरी गांव में जन्म से ही दिव्यांग भगवानदीन हौसले की जीती जागती मिसाल हैं। दोनों हाथ और एक पैर पूरी तरह से बेकार होने के बाद भी भगवानदीन आम आदमी की तरह अपने सभी काम बड़ी आसानी से कर लेते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दोनों हाथ बेकार होने के बाद भी भगवानदीन जबरदस्त तरीके से बैंड बजाते हैं। बैंड बजाने के लिए भगवानदीन अपने खराब हो चुके हाथ में लकड़ी बंधवाने में बस किसी की मदद लेते हैं और हाथ में लकड़ी बंधते ही मस्त अंदाज में बैंड बजाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।

काम के बीच नहीं आने दी दिव्यांगता  

बैंड बजाने के अलावा भगवानदीन खराब हो चुके दोनों हाथों के बीच पेन फंसाकर लिखाई का काम भी आसानी से कर लेते हैं. साथ ही सुई में धागा पिरोना और हैंडपंप चलाकर पानी भरने समेत अन्य घरेलू कामकाज कर लेते हैं। भगवानदीन का कहना है कि उन्होंने कभी भी अपनी दिव्यांगता को आड़े नही आने दिया। लेकिन कोरोना महामारी के दौरान नौकरी चले जाने से वो मायूस हो गए।

Whats App

कोरोना ने छीना रोजगार

दरअसल भगवानदीन अपने गांव के प्राथमिक शाला में 5 सालों से बतौर अतिथि शिक्षक के रूप में सेवा दे रहे थे। लेकिन कोरोना महामारी के दौरान जब स्कूलों में ताला लग गया, तब रोजगार के चक्कर में भगवानदीन को गांव छोड़कर बाहर जाना पड़ा और जब वो अपने गांव वापस आये, तब तक स्कूल में भगवानदीन की जगह किसी दूसरे को अतिथि शिक्षक रख लिया। भगवानदीन बताते हैं कि उन्हें अतिथि शिक्षक का एक साल का भुगतान भी नहीं मिला है और वे फिर से अतिथि शिक्षक की नौकरी करना चाहते हैं। भगवानदीन की दो बेटियां हैं, लिहाजा उन्होंने मीडिया के जरिये सरकार से मदद की अपील की है। गांव के बच्चे और बुजुर्ग सभी भगवानदीन की तारीफ करते हुए नजर आते हैं।

हाईप्रोफाइल स्कूल के हॉस्टल में 8 साल की मासूम से दरिंदगी की पूरी कहानी, रेप के बाद ऐसे किया बच्ची को टॉर्चर     |     मानेगांव में अवैध ब्लास्टिंग से बिजली का पोल गिरा, अंधेरे में ग्रामीण     |     सरकारी वाहन से अनाज की चोरी, वीडियो वायरल होने पर जांच शुरू     |     बीएड में प्रवेश प्रक्रिया शुरू, हर साल खाली रह जाती हैं सीटें, यह कारण आया सामने     |     आचार संहिता में रद्दी बेचने की निकाली निविदा, भेजा नोटिस     |     बदमाशों ने जहां फोड़े थे कारों के कांच, वहीं पुलिस ने निकाला उनका जुलूस     |     नकली पुलिस बन घर में घुसे, शिक्षक ने पकड़ कर असली पुलिस के हवाले किया     |     इटली से आई पर्यटक युवती से खजुराहो में ठगी, 100 यूरो लेकर फरार हुआ युवक     |     भाजपा से सौदेबाजी के सवाल पर बोले अक्षय बम, जो आदमी 15 लाख की घड़ी पहनता हो, उसे कोई क्या डील में देगा     |     पांच साल बाद जेल से छूटा और शुरू कर दी सप्लाय, हथियारों की खेप लेते गिरफ्तार     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9431277374