नई दिल्ली । तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन के बाद एआईएडीएमके की तमिलनाडु की जनता पर फिसली पकड़ को फिर से मजबूत करने के लिए वीके शशिकला और उनके भतीजे टीटीवी दिनाकरण एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं। इसके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को शशिकला सीधे संबोधित करने लगी हैं। शशिकला कुछ ही पहले जेल से बाहर आई हैं। इस दौरान एआईएडीएम राज्य में हुए कई चुनावों में बुरी तरह पराजय का सामना करना पड़ा है। पार्टी में पूर्व मुख्यमंत्रियों ओ पनीरसेल्वम और पलानीस्वामी के बीच गुटबाजी चरम पर जा पहुंची है और राज्य के सियासी फलक पर एआईडीएमके की पकड़ हाल के दिनों में कमजोर पड़ी है।
एआईएडीएमके को दोबारा सत्ता में वापस लाने के लिए शशिकला एक बार फिर से सक्रिय हो गई हैं। हाल ही में शशिकला को पार्टी के मामले में हस्तक्षेप का मौका मिला था, जब पार्टी कार्य़कर्ताओं ने एक प्रस्ताव पास कर शशिकला को पार्टी की कमान संभालने की सिफारिश की थी। उन्होंने नाराज कार्यकर्ताओं से संयम बरतने की अपील की और राज्य की सत्ता में वापसी का दमखम भरा। इसके अलावा शशिकला राज्य दक्षिणी तमिलनाडु का दौरा कर अपने समर्थकों से भी मिलने की योजना बनाई है। शशिकला दोबारा एआईएडीएमके पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती हैं। इसलिए वह पार्टी कार्यकर्ताओं को कभी-कभी संबोधित करती रहती है।
उन्होंने पार्टी कार्य़कर्ताओं से कहा कि वे पार्टी के संस्थापक एमजी रामचंद्रन और जे जयललिता की पार्टी में नई जान फूंकने के लिए तैयार रहे हैं। दोनों पांच दशक तक तमिलनाडु में डीएमके के कट्टर विरोधी रहे हैं। हाल ही में एक नया मोड़ आया, जब पिछले सप्ताह पार्टी के संयोजक ओ पनीरसेल्वम के गढ़ थेनी में पार्टी कार्यकर्ताओं ने शशिकला को एआईएडीएमके की बागडोर संभालने के लिए एक प्रस्ताव पास किया। इन कार्यकर्ताओं को शशिकला ने संबोधित किया। हालांकि अचानक हुई इस घटना पर ओ पनीरसेल्वम ने कहा इस घटना से उनका कोई लेना देना नहीं है।
इससे पहले ओ पनीरसेल्वम और पलानीस्वामी गुट में झड़प भी हुई। यही मौका था जब शशिकला ने दोनों गुटों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई। 2016 में जयललिता के निधन के बाद से एआईएडीएमके सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। पार्टी पनीरसेल्वन और पलानीस्वामी के दो गुटों में बंटा है। लेकिन इस बार, अन्नाद्रमुक के मौजूदा नेताओं (ईपीएस और ओपीएस) के लिए शशिकला का प्रस्ताव ऐसे समय में आया है, जब विधानसभा चुनाव और अब शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी का सफाया हो गया है। यहां तक कि भाजपा ने एआईएडीएमके के गढ़ में चार सीटें जीतकर पार्टी को तीसरे नंबर पर ला दिया है। चेन्नई जैसे महत्वपूर्ण शहर एआईएडीएमके के हाथ से निकल चुका है।
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