
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि राज्य में शराबबंदी को सख्ती से लागू किए जाने के साथ ही और इस कानून का उल्लंघन करने वालों को दंडित किया जा रहा है।
नीतीश कुमार ने सोमवार को ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि महिलाओं की मांग पर अप्रैल 2016 में बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई थी। शराबबंदी को सख्ती से लागू कराने में प्रशासन एवं पुलिसकर्मी अच्छा काम कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद बिहार में शराब आसानी से उपलब्ध है के आरोप का खंडन किया और कहा कि इस तरह के आरोप निराधार हैं। शराबबंदी कानून के उल्लंघन में लिप्त पाए गए लोगों को दंडित किया जा रहा है।
“सबने शराब नहीं पीने का संकल्प लिया”
मुख्यमंत्री ने बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब पीने से हो रही मौत पर कहा कि वर्ष 2015 में महिलाओं की मांग पर उन्होंने 2016 में शराबबंदी लागू की। इसको लेकर उन्होंने वचन दिया, विधानसभा और विधान परिषद में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ। सबने शराब नहीं पीने का संकल्प लिया। जितने सरकारी अधिकारी और कर्मचारी हैं सभी ने इसका संकल्प लिया, इसके लिए निरंतर कैंपेन चलता रहता है। जो गड़बड़ करते हैं वे पकड़ाते भी हैं। पुलिस प्रशासन का जो काम है वो हर तरह से अपना काम करते रहते हैं। बार बार हमलोग कहते रहते हैं कि जब तुम गड़बड़ चीज पीओगे तो इस तरह की घटनाएं होंगी।

गड़बड़ी करने वालों पर हो रही कार्रवाई
नीतीश कुमार ने कहा कि जो गड़बड़ी करने वाले लोग हैं उन पर कार्रवाई हो रही है और उनकी गिरफ्तारी भी हो ही रही है। पुलिस और प्रशासन के लोग कार्रवाई करते ही रहते हैं। शराब पीने से देश दुनिया में कितनी लोगों की मौत होती है इसकी रिपोर्ट आ गई है। इसके बावजूद लोग पीएंगे तो गड़बड़ होगा ही। यदि शराब के नाम पर कोई गड़बड़ चीज पिला देगा तो पीने वाले की मौत हो सकती है। इसको लेकर वह लोगों को सचेत करते रहे हैं, इस पर सोचना चाहिए।