पटनाः बिहार सरकार ने आश्वस्त किया कि राज्य में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना के तहत 224 करोड़ रुपए का लंबित मजदूरी भुगतान अगले 15 दिनों के अंदर कर दिया जाएगा और इसके लिए राशि की कोई कमी नहीं है।
ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने मनरेगा योजना के तहत सृजित मानव दिवसों एवं मजदूरी भुगतान के संबंध में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस योजना के अंतर्गत पिछले वर्ष 22.5 करोड़ मानव दिवसों का सृजन किया गया था। इसमें 20 करोड़ श्रम बजट पास हुआ था। इस वर्ष के अगस्त तक सृजित मानव दिवसों के लिए 2033 करोड़ रुपए की मजदूरी का भुगतान किया जा चुका है।
वहीं, मैटेरियल के लिए 2707 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। चौधरी ने कहा कि सितंबर के लिए 113 करोड़ रुपए जबकि अक्टूबर के लिए 111 करोड़ रुपए की मजदूरी का भुगतान अभी शेष है। इस प्रकार कुल 224 करोड़ रुपए का लंबित मजदूरी भुगतान अगले 15 दिनों के अंदर कर दिया जाएगा। इसके लिए राशि की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले माह की 26 तारीख को मनरेगा से जुड़े कार्यों की समीक्षा की गई थी।
ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार के पास यदि राशि की कमी होगी तो अगले अनुपूरक बजट से राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का व्यय किया गया था। यह एक सतत प्रक्रिया है। मनरेगा योजना के तहत मानव दिवस सृजन और भुगतान की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है। हमेशा 70-80 करोड़ रुपए मजदूरी भुगतान का गैप बना रहता है। इस बार तकनीकी कारणों से मजदूरी के बकाए का भुगतान कुछ ज्यादा हो गया है।
चौधरी ने कहा कि मनरेगा योजना के लिए अच्छी बात यह है कि इसकी रिपोर्ट पब्लिक डोमेन में है। यदि कोई भी व्यक्ति चाहे तो उसे डाउनलोड करके जानकारी ले सकता है।