इंदौर। आठ साल का बच्चा गलती से धार से इंदौर आ गया। सड़क पर उसे घूमता देखा तो लोगों से पुलिस को जानकारी मिली। पुलिस ने पूछताछ की तो बच्चा अपने घर का पता नही बता पाया, लेकिन उसने उज्जैन का पता बता दिया तो पुलिस ने उसे उज्जैन पुलिस के माध्यम से रिश्तेदार के पते पर पहुंचाया, और वहां से धार में उसके स्वजनों के हवाले किया।
बाणगंगा थाना क्षेत्र में शनिवार दोपहर आठ साल का बच्चा सड़क पर लावारिस हालत में घूम रहा था। लोगों ने देखा तो डायल 100 पर जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस उसे लेकर बाणगंगा थाने पहुंची। थाना प्रभारी राजेंद्र सोनी ने उससे बात की। बच्चे ने बताया कि वह धार का रहने वाला है। गलती से वह इंदौर आ गया। वह धार में अपने घर का पता नहीं बता पा रहा था। बातचीत में उसने बताया की उज्जैन में उसकी मौसी रहती हैं। उनका घर उसे याद है। तब सिपाही राहुल यादव उसे लेकर उज्जैन गया। यहां बच्चे के बताए पते पर लेकर पहुंचा
वहां उसकी मौसी का घर मिल गया। बच्चे को देखकर वे लोग भी हैरान रह गए। उसके स्वजनों को फोन पर उन्होंने बच्चे के सुरक्षित मिलने की जानकारी दी। बच्चे के नहीं मिलने पर परिवार के लोग धार में उसकी तलाश कर रहे थे। धार से उसके स्वजन बच्चे को लेने उज्जैन लेने पहुंचे। पुलिस ने अपने मानवीय प्रयास से बच्चे को सुरक्षित घर पहुंचा दिया।
दरअसल, शहर में नाबालिग बच्चों के मामलो में गंभीरता से कारवाई के लिए डीआईजी मनीष कपूरिया ने निर्देश दिए है। इसी तारतम्य में पुलिस अधीक्षक पूर्व आशुतोष बागरी, अति. पुलिस अधीक्षक शशिकांत कनकने, सीएसपी निहित उपाध्याय ने निर्देशित किया है। पुलिस अधिकारियों के मार्गदर्शन में पुलिस लगातार नाबालिग बच्चों के मामलो में गंभीरता से काम कर रही है।