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दीपावली के अगले दिन रहेगा सूर्य ग्रहण, करीब एक घंटे का रहेगा समय

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उज्जैन। दीपावली के अगले दिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण रहेगा। उज्जैन सहित भारत में दिखाई देने वाले ग्रहण की अवधि एक घंटा 12 मिनट रहेगी। ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले लगेगा, इसलिए 24 अक्टूबर को प्रदोषकाल तथा मध्य रात्रि में माता लक्ष्मीजी की पूजा करने में किसी प्रकार का कोई दोष नहीं है। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार 25 अक्टूबर को भारतीय समय अनुसार खंडग्रास सूर्य ग्रहण शाम 4 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगा। ग्रहण का सम्मिलन 5 बजकर 38 मिनट तथा मोक्ष 5 बजकर 53 मिनट पर होगा। ग्रहण की कुल अवधि एक घंटा 12 मिनट की रहेगी। ग्रहण का वेधकाल अर्थात सूतक 25 अक्टूबर को सुबह 4.41 बजे से शुरू होगा। ग्रहण का समय कम होने से इसके नकारात्मक प्रभाव कम रहेंगे।
दीपावली व मध्य रात्रि पूजन में विघ्न नहीं
धर्मशास्त्रीय मान्यता के अनुसार ग्रहण का सूतक 25 अक्टूबर को सुबह 4.41 बजे से शुरू होने के कारण, 24 अक्टूबर को प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय है। तंत्र, मंत्र व यंत्र की सिद्धि के लिए इस दिन मध्य रात्रि साधना विशेष शुभ मानी जा रही है।
क्या है सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य की किरणें जीवनदायी ग्रह पर अवरुद्ध हो जाती हैं। हालांकि, चंद्रमा की छाया इतनी बड़ी नहीं है कि वह पूरी दुनिया को ढक सके, इसलिए छाया एक विशिष्ट क्षेत्र तक सीमित रहती है जो चंद्रमा और पृथ्वी की निरंतर गति के कारण बदलती रहती है। जबकि अधिकांश ग्रहण आंशिक रूप से ढके होते हैं, अन्य प्रकार के ग्रहण अंतरिक्ष में भी होते हैं। पूर्ण सूर्य ग्रहण पूरी छाया को उसी रूप में ढालता है, जब चंद्रमा सूर्य की डिस्क को पूरी तरह से ढक लेता है। आंशिक और वलयाकार ग्रहण केवल चंद्रमा द्वारा कवर सूर्य के एक हिस्से को ही देखते हैं।

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