Breaking
हाईप्रोफाइल स्कूल के हॉस्टल में 8 साल की मासूम से दरिंदगी की पूरी कहानी, रेप के बाद ऐसे किया बच्ची क... मानेगांव में अवैध ब्लास्टिंग से बिजली का पोल गिरा, अंधेरे में ग्रामीण सरकारी वाहन से अनाज की चोरी, वीडियो वायरल होने पर जांच शुरू बीएड में प्रवेश प्रक्रिया शुरू, हर साल खाली रह जाती हैं सीटें, यह कारण आया सामने आचार संहिता में रद्दी बेचने की निकाली निविदा, भेजा नोटिस बदमाशों ने जहां फोड़े थे कारों के कांच, वहीं पुलिस ने निकाला उनका जुलूस नकली पुलिस बन घर में घुसे, शिक्षक ने पकड़ कर असली पुलिस के हवाले किया इटली से आई पर्यटक युवती से खजुराहो में ठगी, 100 यूरो लेकर फरार हुआ युवक भाजपा से सौदेबाजी के सवाल पर बोले अक्षय बम, जो आदमी 15 लाख की घड़ी पहनता हो, उसे कोई क्या डील में देग... पांच साल बाद जेल से छूटा और शुरू कर दी सप्लाय, हथियारों की खेप लेते गिरफ्तार

फर्जी डिग्री मामले में हटाए गए उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी अनिल पाठक को मंत्रालय में वापस लाने की तैयारी

Whats App

भोपाल ।   सागर के विवेकानंद विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों में फर्जी डिग्री देने के मामले में उच्च शिक्षा विभाग से हटाए गए ओएसडी अनिल पाठक को मंत्रालय वापस लाने की तैयारी की जा रही है। तत्कालीन अपर मुख्य सचिव (उच्च शिक्षा) शैलेंद्र सिंह ने पाठक को हटाकर उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान भोपाल में पदस्थ किया था। उनके सेवानिवृत्त होने के बाद केसी गुप्ता को उच्च शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया। अब केसी गुप्ता के पास ही अनिल पाठक की मंत्रालय में पदस्थापना की फाइल भेजी गई है। बता दें, मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों और निजी विश्वविद्यालयों की सांठगांठ के चलते दस साल में चार हजार डिग्री गलत ढंग से बांटी गई थीं। हर डिग्री के लिए 10 से 15 लाख रुपये वसूलने की बात भी सामने आई थी। इस मामले में मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग की भूमिका भी जांच में संदिग्ध पाई गई थी।

इसके बाद अनिल पाठक को निजी विश्वविद्यालय शाखा से हटाया गया था और मामले की पुनः जांच शुरू की गई थी। फर्जी डिग्री मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक पहुंची थी और पीएमओ ने मध्य प्रदेश सरकार को इस प्रकरण में की गई कार्रवाई से अवगत करने के लिए भी कहा था, लेकिन शैलेंद्र सिंह के सेवानिवृत्त होने के बाद अब इस पूरे मामले की फाइल दबा दी गई है। यही नहीं, इस मामले में अनिल पाठक को निलंबित करने की फाइल तैयार कर उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी डा. मोहन यादव को भी भेजी गई थी, लेकिन चार माह बाद भी निलंबन को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया। इस पूरे मामले से शैलेंद्र सिंह ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को अवगत कराया था। इसके बाद कार्रवाई का प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा गया था।

 

हाईप्रोफाइल स्कूल के हॉस्टल में 8 साल की मासूम से दरिंदगी की पूरी कहानी, रेप के बाद ऐसे किया बच्ची को टॉर्चर     |     मानेगांव में अवैध ब्लास्टिंग से बिजली का पोल गिरा, अंधेरे में ग्रामीण     |     सरकारी वाहन से अनाज की चोरी, वीडियो वायरल होने पर जांच शुरू     |     बीएड में प्रवेश प्रक्रिया शुरू, हर साल खाली रह जाती हैं सीटें, यह कारण आया सामने     |     आचार संहिता में रद्दी बेचने की निकाली निविदा, भेजा नोटिस     |     बदमाशों ने जहां फोड़े थे कारों के कांच, वहीं पुलिस ने निकाला उनका जुलूस     |     नकली पुलिस बन घर में घुसे, शिक्षक ने पकड़ कर असली पुलिस के हवाले किया     |     इटली से आई पर्यटक युवती से खजुराहो में ठगी, 100 यूरो लेकर फरार हुआ युवक     |     भाजपा से सौदेबाजी के सवाल पर बोले अक्षय बम, जो आदमी 15 लाख की घड़ी पहनता हो, उसे कोई क्या डील में देगा     |     पांच साल बाद जेल से छूटा और शुरू कर दी सप्लाय, हथियारों की खेप लेते गिरफ्तार     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9431277374