पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर याद करते हुए कहा कि आजादी के बाद यदि वह प्रधानमंत्री होते तो कश्मीर की समस्या का समाधान उनके जीवनकाल में ही हो गया होता।
सुशील मोदी ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि यदि सरदार वल्लभ भाई पटेल न होते तो आज कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं होता और यदि वे प्रधानमंत्री होते तो कश्मीर की समस्या का समाधान उनके जीवनकाल में ही हो गया होता। उन्होंने कहा, ‘नेहरू तो सरदार को मंत्रिमंडल में लेना भी नहीं चाहते थे, लेकिन गांधी जी के दबाव में उन्हें पटेल को सरकार में शामिल कर गृहमंत्री बनाना पड़ा। यदि गांधी जी ने देशहित में थोड़ा बड़ा दिल दिखाते हुए सरदार साहब को प्रधानमंत्री बनवाया होता, तो आज भारत का नक्शा कुछ और शानदार होता। ऐसे महापुरुष को शत्-शत् नमन।’
भाजपा सांसद ने कहा कि आजादी के तुरंत बाद जब पाकिस्तानी सेना की मदद से कबाइलियों ने कश्मीर पर हमला कर दिया था, तब प्रधानमंत्री नेहरू की अनिच्छा के बावजूद पटेल ने हमलावरों को खदेड़ने के लिए सेना भेजी, जिससे कश्मीर बच गया। उन्होंने कहा कि सेना पूरा कश्मीर खाली करा लेती, लेकिन नेहरू ने मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाकर युद्ध विराम घोषित कर दिया। इससे पाकिस्तान को इस मुद्दे का अन्तरराष्ट्रीयकरण करने का मौका मिला। सुशील मोदी ने कहा कि सरदार पटेल नेहरू-गांधी परिवार के नहीं थे, इसलिए कांग्रेस ने कभी उनका सम्मान नहीं किया। हाल में जब कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कश्मीर के एक सदस्य ने सरदार साहब की आलोचना की, तब किसी ने इसका विरोध नहीं किया।
पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दल से ऊपर देशभक्ति की भावना से सरदार पटेल को पूरा सम्मान दिया। उनकी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत और सरदार सरोवर बांध पर पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा का निर्माण उनके प्रति एनडीए सरकार की विनम्र श्रद्धांजलि है।