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आजादी की लड़ाई में मौलाना अबुल कलाम आजाद का योगदान महत्वपूर्ण: नीतीश

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पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में मौलाना अबुल कलाम आजाद का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन पर आयोजित ‘शिक्षा दिवस’ के अवसर पर एक समारोह में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान नीतीश ने कहा कि आजादी के बाद जब देश दो हिस्सों में बंट गया तो काफी बुरा हाल था। उन्होंने कहा कि स्थिति को सामान्य करने के लिए बापू सहित अन्य सभी लोग जगह-जगह घूम रहे थे और उस समय जब अल्पसंख्यक समुदाय के लोग यहां से जा रहे थे तो मौलाना अबुल कलाम आजाद ने ही कहा था कि ‘यह देश आपका है, यहां से क्यों जा रहे हैं’। उन्होंने कहा कि मौलाना के ऐसा कहने के बाद लोग रुक गये और स्थिति सामान्य हुई, उनका योगदान बहुत बड़ा है।

नीतीश ने कहा कि भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री के रूप में भी मौलाना अबुल कलाम आजाद साहब ने देश में काफी काम किया। उन्होंने कहा कि जब बिहार की जनता ने उन्हें काम करने का मौका दिया तो मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन पर बिहार में शिक्षा दिवस का आयोजन करने का निर्णय उन्होंने लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2007 में पहली बार शिक्षा दिवस का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में शिक्षा दिवस का आयोजन शुरू करने के बाद हमने राष्ट्रीय स्तर पर भी शिक्षा दिवस का आयोजन करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा। केंद्र सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया और 2008 के 11 नवंबर से राष्ट्रीय स्तर पर भी शिक्षा दिवस का आयोजन प्रारंभ हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तय किया गया है कि स्कूली बच्चों को मौलाना अबुल कलाम आजाद के किए गए काम और उनके जीवनी के बारे में बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद के जीवन एवं उनके कार्यों को हमें याद रखना है और नई पीढ़ी तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि इससे भावी पीढ़ी भी उनके विषय में भलीभांति अवगत हो सके और यह जान सकेगी कि कितनी संघर्ष के बाद भारत को आजादी मिली।

इससे पूर्व पटना के अधिवेशन भवन में आयोजित शिक्षा दिवस समारोह में मुख्यमंत्री ने मौलाना अबुल कलाम आजाद के तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शंकर नाथ झा को ‘मौलाना अबुल कलाम आजाद शिक्षा पुरस्कार-2021′ से सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने झा को पुरस्कार स्वरूप अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र एवं ढाई लाख रुपए का चेक प्रदान किया।

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