परिवहन विभाग ने प्रदेश में अबतक दो बार आटोरिक्शा के खिलाफ अभियान चलाया था। अभियान में बड़ी संख्या में अवैध आटोरिक्शा पकड़े गए थे। जो मानकों को पूरा नहीं कर रहे थे। अवैध आटोरिक्शा में यात्री का सफर करना सुरक्षित नहीं है। यदि आटो दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है और उसका बीमा नहीं है तो क्लेम भी नहीं मिलेगा। लोगों को आटोरिक्शा की पहचान हो सके उसके लिए एप लांच किया जा रहा है। आटोरिक्शा में यात्रा करने से पहले आटो की पहचान की जा सकती है। परिवहन विभाग के आदेश पर प्रदेश के सभी जिला कार्यालयों ने अपने-अपने जिले आटोरिक्शा के डेटा आनलाइन किया है। जैसे लोग वेबसाइट पर गाडिय़ों का डेटा देख सकते हैं वैसे ही आटो का डेटा भी देख सकते हैं।

आटोरिक्शा के परमिट की व्यवस्था की आनलाइन
परिवहन विभाग ने आटोरिक्शा के परमिट की व्यवस्था आनलाइन की है। स्थायी परमिट पांच साल के लिए दिया जाएगा। उसके बाद चार-चार महीने के लिए परमिट को रिन्यूबल किया जाएगा। पूरी प्रक्रिया आनलाइन होगी। आनलाइन होने पर आटो का डेटा अपलोड रहेगा। अभी तक मैनुअल परमिट दिए जाते थे।
इनका कहना है

आटोरिक्शा में सफर शुरू करने से पहले उसकी पहचान कर सकें कि वह वैध है या अवैध। इसके लिए एक एप लांच करने जा रहे हैं। इस एप पर आटोरिक्शाकी जानकारी रहेगी।
एसके झा आयुक्त परिवहन विभाग