
अगर स्वास्थ्य केंद्र का नीव रख देने से मरीज लोगों का इलाज अस्पताल में हो जाता तो, आज अपनी बदहाली पर आंसू नहीं बहाते बरौली प्रखंड के हसनपुर पंचायत के लोग,
आज बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की असल हकीकत क्या है इसके तस्वीर ग्राउंड जीरो से हम आपको दिखा रहे हैं, जहां वर्ष 2014 में गोपालगंज जिला मुख्यालय के बरौली प्रखंड के हसनपुर पंचायत का बलरा गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र की नींव रखी गई, अस्पताल बन कर पूरी तरह तैयार हो गया,वर्ष दो हजार अट्ठारह में बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक मिथिलेश तिवारी ने इस अस्पताल का उद्घाटन भी कर दिया, उद्घाटन करने के 1 सप्ताह तक डॉक्टर ने यहां अपने ड्यूटी भी की, लेकिन एक सप्ताह ड्यूटी करने के बाद डॉक्टरों ने इस उप स्वास्थ्य केंद्र पर आना जाना छोड़ दिया,
तब से लेकर आज तक यह डॉक्टर कभी दिखाई नहीं दिए, अस्पताल में डॉक्टरों के ना जाने से हसनपुर पंचायत के 8 गांव की आबादी के 50000 लोग आज हल्की बुखार होने पर भी गोपालगंज सदर अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं, हालांकि सरकारी सिस्टम को देख अब इस पंचायत के लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है, आम लोग सरकारी तंत्र और जनप्रतिनिधियों पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं, आम लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधि अब सिर्फ चुनावी मेंढक बनकर रह गए हैं, चुनाव आने के वक्त यह दिखाई देते हैं,इसके बाद यह गायब हो जाते हैं,
आम लोगों की हो रही इस परेशानी का कोई भी जनप्रतिनिधि शुध तक लेने नहीं आता है, जिस कारण आज सदर अस्पताल पहुंचने पर सभी लोग मजबूर हैं।