पटना। माओवादियों को हथियार उपलब्ध कराने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम ने सारण जिले के सोनपुर और गया में बुधवार को छापेमारी की। सोनपुर के शाहपुर गांव में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के रिटायर्ड जवान अरुण कुमार सिंह उर्फ फौजी और गया के इमामगंज के परसिया गांव में सीआरपीएफ जवान अविनाश कुमार उर्फ चुन्नू सिंह के ठिकानों की तलाशी ली गई। इस मामले में एनआइए की टीम दोनों को नवंबर में ही गिरफ्तार कर चुकी है। दोनों ही ठिकानों पर एनआइए ने दूसरी बार छापेमारी की है। गिरफ्तार जवानों के स्वजनों से भी एनआइए की टीम ने पूछताछ की। इसके बाद टीम वापस लौट गई।
छत्तीसगढ़ पुलिस भी थी साथ, लाइसेंसी पिस्टल जब्त
सोनपुर में छापेमारी करने के लिए एनआइए की टीम रांची से पहुंची। टीम के साथ छत्तीसगढ़ पुलिस भी थी, जिसने सोनपुर पुलिस की सहायता से कार्रवाई की। सोनपुर के एएसपी अंजनी कुमार ने बताया कि एनआइए ने बीएसएफ के रिटायर्ड जवान के घर पर छापेमारी की जहां नवंबर महीने में की गई छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में अत्याधुनिक रायफल इंसास की गोलियां बरामद की गई थीं। अरुण के घर की चारों तरफ से घेराबंदी करने के बाद जांच-पड़ताल का जो सिलसिला शुरू हुआ वह दोपहर बाद तीन बजे तक चला। तलाशी के दौरान मिले बैंकों के पासबुक तथा कागजात व एक लाइसेंसी पिस्टल जब्त कर टीम अपने साथ ले गई।
गली सील कर स्वजनों से हुई पूछताछ
एनआइए की दूसरी टीम बुधवार को ही गया जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र इमामगंज थाना क्षेत्र के परसिया गांव पहुंची। यहां सीआरपीएफ जवान अविनाश कुमार ङ्क्षसह के रानीगंज बाजार स्थित आवास की तलाशी ली गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एनआइए की टीम के अधिकारी व जवानों ने करीब आठ घंटे तक स्वजनों से पूछताछ की। जांच व पूछताछ के दौरान जवान के घर जाने वाली गली को सील कर दिया गया था। टीम के साथ इमामगंज थाना की पुलिस भी थी।
नवंबर में हुई थी दोनों जवानों की गिरफ्तारी, मिली थीं इंसास की गोलियां
पूरा मामला नक्सलियों को हथियारों की सप्लाई से जुड़ा है। इसके तार झारखंड, कश्मीर, बिहार, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों से जुड़े हैं। इस मामले में पहली कार्रवाई 12 नवंबर को हुई थी। गया जिले के इमामगंज से पकड़े गए सीआरपीएफ के जवान अविनाश कुमार उर्फ चुन्नू शर्मा को झारखंड एसटीएफ ने इंसास की 450 गोलियों के साथ पकड़ा था। सीआरपीएफ जवान श्रीनगर के पुलवामा में तैनात था। वह चार महीने की छुट्टी पर घर आया हुआ जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई। एटीएस ने उसके सहयोगी ऋषि को गया जबकि पंकज को रांची से गिरफ्तार किया था। ऋषि पटना के सलीमपुर जबकि पंकज कुमार सिंह मुजफ्फरपुर के सकरा का मूल निवासी है।
इसके बाद सीआरपीएफ जवान की निशानदेही पर ही 17 नवंबर को झारखंड तथा बिहार एसटीएफ व सोनपुर पुलिस ने संयुक्त रूप से वैशाली के शाहपुर स्थित बीएसएफ के रिटायर्ड जवान अरुण सिंह उर्फ फौजी को गिरफ्तार किया था। उसके घर से इंसास राइफल की 909 गोलियां मिली थीं। इसके अलावा एसएलआर राइफल व पिस्टल की भी 10 गोलियां बरामद की गई थीं।