ग्वालियर। प्रदेश के उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ग्वालियर में भले ही 21 दिन का विशेष सफाई अभियान चला रहे हों, लेकिन नगर निगम के अमले पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। पहले क्षेत्राधिकारी और फिर वार्ड हेल्थ अफसर के निलंबित होने के बाद भी अधिकारियों ने कोई सबक नहीं लिया है। मंगलवार को नगर निगम के अफसरों ने भैंस डेयरी संचालकों से 25500 रुपये का जुर्माना वसूला। वहीं गंदगी फैलाने वालों से कुल वसूली 46 हजार रुपये से ज्यादा की हुई। उधर वार्ड में सफाई मित्रों की ड्यूटी चेक की गई तो 11 गायब मिले।
नगर निगम की ओर से स्वच्छता जागरूकता अभियान में सभी वार्डों में विशेष निरीक्षण दल द्वारा रोज निरीक्षण व जुर्माने करने का दावा किया जा रहा है। निरंतर साफ सफाई व्यवस्था की मानीटरिंग कर गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है। जिसके तहत वार्ड 60 में वार्ड मानिटर सुरुचि बंसल के निर्देशन में भैंस डेयरी संचालकों पर गोबर नियत वाहन में न डालने पर 25500 रुपये का जुर्माना किया गया। इसके साथ ही वार्ड 12 में वार्ड मानिटर लल्लन सिंह व एसआइ विक्रम सिंह द्वारा गंदगी फैलाने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना वसूल किया। वार्ड 16 में क्षेत्राधिकारी रामसेवक शाक्य ने 2500 रुपये का जुर्माना वसूल किया। वार्ड मानिटर सुभाष गुप्ता ने वार्ड 59 में गंदगी फैलाने पर 6500 रुपये का जुर्माना वसूल किया। वार्ड 50 में स्वास्थ्य अधिकारी भीष्म पमनानी व वार्ड मानिटर अमित साहू द्वारा सेनापति की बजरिया में सात रुपये का जुर्माना गंदगी पाए जाने पर किया।
वार्ड तीन: अनुपस्थित मिले सफाई मित्रों को काटा जाएगा वेतनः उपायुक्त स्वास्थ्य सत्यपाल सिंह चौहान ने क्षेत्र क्र. सात वार्ड तीन का निरीक्षण स्वास्थ्य अधिकारी श्रीकृष्ण शर्मा के साथ किया। यहां मनोज पुत्र सुरेश, सुनील पुत्र सीताराम, हरद्वारी पुत्र नेत्रराम, भारत पुत्र अशोक, संतोष पुत्र रमेश, भागवती पत्नी लक्ष्मीनारायण, रंजीत पुत्र रामबाबू, ब्रजेश पुत्र सुमंत, अनिल पुत्र रतन, अनिल पुत्र अशोक, नीतू पत्नी मोतीलाल सफाई मित्र अनुपस्थित पाए गए। इन सभी का वेतन कटेगा। उपायुक्त ने डोर टू डोर वाहन को रोककर चेक किया। पूछा गया सुबह कुछ जगह कचरे के ढेर क्यों लगे रहते हैं। रात में ही उन स्थलों से कचरा उठया जाता है, तो ड्राइवर व डब्ल्यूएचओ द्वारा बताया गया कि रात में कचरा कलेक्शन के लिए एक ही डोर टू डोर वाहन तीन वार्डों में जाता है। इसलिए वार्ड के पूरे क्षेत्र को कवर नहीं कर पाता। यदि एक टिपर दो वार्डों को कवर करे तो समस्या का निदान हो सकता है।