बिलासपुर। गोलबाजार के पास गोंड़पारा में रहने वाले 52 वर्षीय अधेड़ के ओमिक्रोन से पाजिटिव होने की पुष्टि कर दी गई है। हालांकि अभी वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं। लेकिन अब परिवार को मोहल्ले वालों का विरोध सहना पड़ रहा है। इससे परिवार के सदस्यों में दहशत का आलम बना हुआ है। इसी वजह से मानसिक के साथ ही अन्य शारारिक परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है।
ओमिक्रोन पाजिटिव की पुष्टि होने के बाद मरीज की पत्नी ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। उनके मुताबिक विदेश से लौटे एक महीने से ज्यादा का समय हो चुका है। 18 दिसंबर को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सेंपल भुनेश्वर भेजा गया था। इसके तकरीबन 18 दिन बाद रिपोर्ट आई है। साफ है कि मेरे पति पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। यदि स्वास्थ्य विभाग यह काम पहले किया रहता तो इसका कोई मतलब निकलता। अब स्वस्थ होने के बाद भी परेशानी सहनी पड़ रही है। मरीज की पत्नी ने यह भी बताया कि जब से ओमिक्रोन की पुष्टि की गई है, तब से विरोध सहना पड़ रहा है।
बुधवार की रात को भी कुछ मोहल्लेवासियों ने घर को घेर लिया था और हंगामा किया। इससे परिवार वाले डरे हुए हैं। साथ ही अब मेरे पति को मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बीपी बढ़ने लगा है और लगातार सिर दर्द की शिकायत हो रही है। जब पाजिटिव थे तो समस्या नहीं हुई, लेकिन अब इस बात के फैल जाने के बाद हम मानसिक और शारारिक रूप से ज्यादा परेशान हो रहे हैं।