भोपाल।कोरोना संक्रमण में 2 साल शैक्षणिक गतिविधियां बेपटरी रही हैं। 2 महीने पहले ऑफलाइन की गाड़ी पटरी पर तो आई। अब परीक्षा का समय चल रहा है, वहीं वार्षिक परीक्षाएं एक महीने बाद शुरू होंगी। ऐसे में उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों से मुफ्त किताब बांटने की जानकारी मांगी, जबकि शिक्षण सत्र तकरीबन खत्म होने की ओर चल रहा है।
शिक्षा विभाग की ओर से जारी पत्र में कॉलेजों से अपने यहां पढऩे वाले अजा-अजजा छात्रों की जानकारी जुटाई जा रही है। दरअसल इसके पीछे छात्रों को नि:शुल्क किताबें उपलब्ध कराना सरकार का उद्देश्य है, पर इस क्रम में इतनी देरी हो गई है कि अब एक महीने बाद वार्षिक परीक्षाओं का दौर शुरू होने वाला है और छात्रों के हाथ में सिलेबस की किताबें नहीं हैं। इसमें एक बात और सामने आई कि 14 जनवरी को पुस्तक चयन के लिए समिति बनाई गई, जिसकी बैठक 18 जनवरी को रखी गई थी। फिर छात्रों की जानकारियां जुटाई जा रही हैं। उच्च शिक्षा विभाग का आदेश इतनी देरी से चल रहा है कि जब तक ध्यान में पूरा होगा, तब तक तो परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। वहीं वार्षिक परीक्षाएं मार्च के तीसरे सप्ताह से शुरू होना हैं। यानी कॉलेजों में तो कोर्स पूरा हो ही जाएगा। इसके बाद छात्रों को अगर मुफ्त किताबें मिलती हैं तो वह छात्रों के लिए सिर्फ रस्म अदायगी ही रहेगी।
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