
हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि अगर कृषि-भूमि में जलभराव के कारण फसल की बिजाई नहीं हो पाती है तो इसका मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि खरीफ सीजन-2021 में हुए फसल नुकसान के मुआवजे का भुगतान भी 5 मार्च 2022 तक करने के निर्देश दिए गए हैं। डिप्टी सीएम बृहस्पतिवार को बजट-सत्र में एक विधायक द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। चौटाला ने बताया कि भारी बारिश, जलभराव तथा कीट के हमलों से खरीफ 2021 में कपास, मूंग, धान, बाजरा और गन्ना की फसल में नुकसान हुआ था। जिसके लिए हरियाणा सरकार द्वारा विशेष गिरदावरी करवाई गई। प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है।
डिप्टी सीएम ने बताया कि इसमें करनाल, पलवल, नूंह, गुरूग्राम, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, चरखी दादरी, भिवानी, रोहतक, सोनीपत, झज्जर समेत कुल 12 जिलों के उपायुक्तों द्वारा जो रिपोर्ट दी गई, उसके अनुसार 9,14,139 किसानों को प्रभावित पाया गया। जिनमें से 24,320 किसानों के मुआवजे को उनके बैंक खाते में सीधा ट्रांसफर किया जा चुका है। शेष किसानों के मुआवजे को 5 मार्च 2022 तक वितरित करने के लिए उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं।
चौटाला से महम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांवों में हुए फसल नुकसान के बारे में भी विधानसभा में सवाल किया गया। जवाब में उन्होंने बताया कि महम, भैणी सूरजन, सैमाण, बेडवा, सीसर खास, भैणी चंद्रपाल, फरमाणा बादशाहपुर, मोखरा खेड़ी रोज, गुगाहेड़ी, बैंसी, खरक जाटान, बहलंबा, खरैंटी, निंदाना,बहुअकबरपुर, समर गोपालपुर समेत कुल 16 गांवों में कुल 14,180 किसानों की फसलों को नुकसान होने की उपायुक्त द्वारा रिपोर्ट भेजी गई है। राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि भारी बारिश, जलभराव तथा कीट के हमलों से होने वाले नुकसान की गिरदावरी में पारदर्शिता बरती जाए।