हितेश वर्मा।
गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। शुक्रवार को बाढ़ के पानी से घिरे दस गांवों में भीषण तबाही मच गई। लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुसने के बाद अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया। गंडक नदी के निचले हिस्से में बसे घोंघराहां, मसूरिया, बांसघाट, महारानी, पनडूहीं, महारानी हथियाही, दिला टोला, बहरामपुर, उसरी दियारा, बंधौली, खोम्हारीपुर, सलेमपुर, शीतलपुर, गम्हारी दियारा, आशा खरा, प्यारेपुर, बिनटोली, महम्मदपुर तथा यादवपुर गांवों में करीब दो हजार परिवार बाढ़ से त्रस्त हैं। शुक्रवार की सुबह जलस्तर में तेजी से वृद्धि शुरू हो गया। एक-एक कर लोगों के घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगा। जैसे-जैसे बाढ़ का पानी घर में प्रवेश कर रहा था। लोगों के पलायन का सिलसिला भी उतनी ही तेजी से जारी रहा। प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर भेजने के लिए नाव की व्यवस्था नहीं की गई थी। जिससे बाढ़ पीड़ितों को जान जोखिम में डालकर पैदल ही सुरक्षित स्थान की ओर पलायन करना पड़ा। बुधवार को बाल्मीकिनगर बराज से छोड़ी गई 4.12 लाख क्यूसेक पानी शुक्रवार की सुबह बैकुंठपुर के डुमरियाघाट होते हुए नदी के जल अधिग्रहण क्षेत्र से गुजरने लगा। जैसे ही अत्यधिक मात्रा में पानी नदी में पहुंची। निचले हिस्से में बसे लोग पलायन करने लगे। हालांकि इस दौरान जान-माल की क्षति की सूचना नहीं है।