भोपाल। प्रदेश के महानगरों में इंदौर को छोड़कर भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में तेजी से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। भोपाल, ग्वालियर व जबलपुर जैसे महानगरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के आंकड़े को पार कर गया है, जो कि वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को बताता है। इस तरह का प्रदूषण कुछ दिनों पूर्व तक दिल्ली में था। इन तीनों शहरों की तुलना में इंदौर में हवा की सेहत काफी ठीक है। यहां सूचकांक ज्यादातर समय 90 से 150 तक है। सूचकांक की आदर्श स्थिति 50 या उससे नीचे होनी चाहिए। वहीं अनूपपुर, दमोह, उज्जैन, देवास समेत अन्य शहरों की हवा काफी हद तक साफ है। जिन शहरों में तेजी से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है, वहां खराब सड़कें मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। सड़कों से धूल उड़ने और वातावरण में फैलने के कारण हवा की सेहत बिगड़ रही है। काफी हद तक वाहनों का धुआं और नमी भी प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है। इन तीनों ही महानगरों में लंबे समय तक हवा प्रदूषित रही तो आम नागरिकों की सेहत पर विपरित असर पड़ना तय है।
वायु प्रदूषण की ये वजहें
खराब सड़कें – भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में सड़कें खराब हैं। इनमें से वाहनों के चलने के साथ ही वातावरण में धूल फैलती है। यह धूल प्रदूषण को बढ़ावा देती है।
धुआं – पुराने वाहनों से जहरीला धुआं निकलता है। इन तीनों ही शहरों में हजारों की संख्या में पुराने व कंडम वाहन दौड़ रहे हैं, जो अधिक धुआं छोड़ते हैं।
ठंड – सर्दी के दिनों में वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हानिकारक कण आर्द्रता पाकर भारी हो जाते हैं और वातावरण में निचली स्तह पर ही रहते हैं। इसके कारण ये सभी तरह के कण मिलकर वायु की गुणवत्ता को प्रभावित कर देते हैं। गर्मी के दिनों में भी ये वातावरण में
मप्र के महानगरों में वायु प्रदूषण की स्थिति
दिनांक—————ग्वालियर—————भोपाल————इंदौर————जबलपुर
07 नवंबर —————242—————268—————177—————196
08 नवंबर—————382—————253—————207—————234
09 नवंबर—————496—————304—————224—————260
10 नवंबर —————347—————314—————205—————320
11 नवंबर ————351—————257—————163—————309
12 नवंबर————— 321—————159—————129—————311
13 नवंबर—————353—————200—————127—————315
14 नवंबर—————304—————314—————221—————258
15 नवंबर—————335—————329—————296—————283
16 नवंबर—————315—————309—————250—————264
नोट: यह आंकड़े प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ईएनवीअलर्ट एप से लिए गए हैं।