मुजफ्फरनगर: केन्द्रीय राज्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर समस्या से अवगत कराते आइआइए से जुड़े उद्योगपति।NCR क्षेत्र में वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग यानी CAQM ने फरमान जारी कर 1 अक्टूबर से डीजल जेनरेटिंग सेट्स के चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके विरोध में इंडियन इंडस्ट्रीय एसोसिएशन से जुड़े उद्योगपतियों ने शनिवार को केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान तथा प्रदेश के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल से मिलकर अपनी समस्या से अवगत कराया। आइआइए ने शुक्रवार को मीडिया के सामने आकर भी आने वाली समस्या से अवगत कराया था।आइआइए ने मंत्रियों को सौंपा 6 सूत्रीय मांग पत्रआईआईए का एक प्रतिनिधिमंडल चैप्टर चेयरमैन विपुल भटनागर के नेतृत्व में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान व राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल से उनके आवास पर मिला। प्रतिनिधिमंडल में शामिल उद्योगपतियों ने CAQM के तत्वावधान में जारी किए गए अव्यवहारिक निर्देशो के विरोध में एक ज्ञापन सौंपा और 6 सूत्रीय मांग पत्र भी दिया।राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल को ज्ञापन सौंपकर समस्या से अवगत कराते आइआइए से जुड़े उद्योगपति।CAQM के निर्देशों से बंद हो जाएंगे उद्योग: विपुल भटनागरचैप्टर चेयरमैन विपुल भटनागर ने कहा कि एनसीआर क्षेत्र के उद्योगCAQM के निर्देशों से बंद हो जाएंगे और इनका प्रभाव सबसे अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों पर पड़ेगा, जिस कारण एनसीआर के लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे और उद्योग बंद हो जाएंगे।विपुल भटनागर ने कहा कि शासन की मंशा लघु उद्योगों को प्रोत्साहित करने की है परंतु कुछ निर्णय जो बंद कमरों में अधिकारी ले रहे हैं, जिसमें की प्रभावित होने वाले उद्योगों का फीडबैक लिए बिना कुछ अव्यवहारिक निर्देश थोप दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा दर्शाया जा रहा है कि प्रदूषण में सिर्फ और सिर्फ उद्योग दोषी हैं। जबकि लॉकडाउन में जब सारे उद्योग चल रहे थे, व बाकी सारे कार्य बंद थे। उस समय नीला आसमान दिखता था तथा वायु गुणवत्ता व पर्यावरण के हिसाब से माहौल बहुत अच्छा व स्वस्थ था। इसका तात्पर्य यह है कि उद्योग जनित प्रदूषण बहुत कम है इसके लिए अन्य कारक ज्यादा दोषी हैं।केन्द्रीय राज्यमंत्री के आवास पर समस्या से अवगत कराते आइआइए से जुड़े उद्योगपति।जेनरेटर को पीएनजी में बदलने की तकनीक नहींआईआईए राष्ट्रीय विद्युत समिति सदस्य अश्वनी खंडेलवाल ने कहा कि अभी तक डीजल के जेनरेटर को पीएनजी में परिवर्तित करने की सरकार के अप्रूव्ड कोई तकनीकी उपलब्ध ही नहीं है। ऐसे में यह फरमान बहुत गलत है। उत्तर प्रदेश में उद्योगों के लिए बिजली की उपलब्धता 24 घंटे हैं, ऐसे में जनरेटर का उपयोग सिर्फ टेक्निकल फॉल्ट आने पर ही किया जाता है जोकि 15 या 20 मिनट व अधिकतम आधा घंटा ही होता है। जोकि पाल्यूशन का कारक नहीं हो सकता।दोनों मंत्रियों ने लिया समस्या पर गंभीरता से संज्ञानबताया कि मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने उद्यमियों की समस्याओं को बहुत ध्यान से सुना व उसके समाधान के लिए तुरंत प्रमुख सचिव मनोज सिंह व पर्यावरण मंत्री (उप्र.) से फ़ोन पर बात कर इस समस्या के समाधान के लिए कहा व उपस्थित सभी उद्यमियों को सीएम आदित्यनाथ के संज्ञान मे लाकर इस समस्या के समाधान का आश्वासन दिया। केंद्रीय राज्यमंत्री डॉक्टर संजीव बालियान ने कहा कि मैं उच्च स्तर पर समस्या के समाधान के लिए वार्ता करूंगा उन्होंने CAQM के मेंबर सेक्रेट्री अरविंद नौटियाल से बात कर न्याय संगत समाधान के लिए कहा, बताया कि केन्द्रीय मंत्री ने सभी उद्यमियों को आश्वस्त किया की उन पर कोई उत्पीड़नात्मक कार्यवाही नहीं होगी। प्रतिनिधिमंडल में अश्वनी खंडेलवाल, मनीष भाटिया सचिव, पवन गोयल सीनियर वाइस चेयरमैन,अरविंद मित्तल वाइस चेयरमैन, अमित गर्ग वाइस चेयरमैन, सुधीर गोयल पूर्व चेयरमैन, शमित अग्रवाल सह सचिव, दीपक सिंघल पीआरओ, सुनील अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।
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