नेल्सन ने कहा जलवायु संकट के लिए पूरी तरह से एकजुट द्दष्टिकोण की आवश्यकता है और एसडब्ल्यूओटी एक लंबे समय से चली आ रही अंतरराष्ट्रीय साझेदारी की उपलब्धि है जो अंतत: समुदायों को बेहतर ढंग से संगठित कर इन चुनौतियों का सामना कर सकेगी। उपग्रह को नासा और फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी सेंटर नेशनल डीट्यूड्स स्पैटियालेस (सीएनईएस) द्वारा बनाया गया है। अंतरिक्ष यान में कैनेडियन स्पेस एजेंसी और यूके स्पेस एजेंसी का भी योगदान है।

उपग्रह पृथ्वी की सतह के 90 प्रतिशत से अधिक ताजे जल निकायों और समुद्र में पानी की मात्रा को मापेगा। इससे यह पता चल सकेगा कि समुद्र जलवायु परिवर्तन को कैसे प्रभावित करता है। कैसे एक गर्म दुनिया झीलों नदियों और जलाशयों को प्रभावित करती है। बाढ़ जैसी आपदा से कैसे निपटा जा सकता है। एसडब्ल्यूओटी हर 21 दिनों में कम से कम एक बार 78 डिग्री दक्षिण और 78 डिग्री उत्तरी अक्षांश के बीच पूरी पृथ्वी की सतह को कवर करेगा प्रति दिन लगभग एक टेराबाइट डेटा वापस भेजेगा।