तहरीक-ए-लब्बैक ने इमरान को दिए गहरे जख्म, प्रदर्शनों के चलते अर्थव्यवस्था को 35 अरब रुपये का नुकसान
लाहौर। प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक (Tehreek-i-Labbaik Pakistan, TLP) ने पाकिस्तान सरकार की हालत खराब कर दी है। इन प्रदर्शनों को रोकने के लिए हुक्मरानों को कोई भी उपाय सूझ नहीं रहा है। हुक्मरान अब मानने लगे हैं कि तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के आंदोलन के कारण पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ है। लाहौर में मुख्यमंत्री के विशेष सहायक हसन खवार (Hasaan Khawar) का कहना है कि इन प्रदर्शनों के चलते मुल्क की अर्थव्यवस्था को 35 अरब रुपये का नुकसान हुआ है
पाकिस्तानी अखबार डान की रिपोर्ट के मुताबिक हसन खवार (Hasaan Khawar) ने माना कि टीएलपी द्वारा चल रहे विरोध प्रदर्शनों और सड़कों की नाकेबंदी से देश को पहले ही अरबों रुपये का नुकसान हो चुका है। साल 2017 के बाद से समूह के आंदोलन के चलते संपत्तियों और व्यावसायिक गतिविधियों के निलंबन के कारण पाकिस्तान को 35 अरब रुपये का नुकसान हुआ है। आलम यह है कि बाजारों में फलों और सब्जियों की आपूर्ति बंद कर दी गई जिसकी वजह से ट्रकों में खाद्य सामग्री सड़ रही है।
हाल के दिनों में टीएलपी प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई गोलीबारी में चार पुलिसकर्मी मारे गए हैं जबकि लगभग 250 घायल हो गए हैं। हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) मोईद यूसुफ (Moeed Yusuf) ने कहा था कि प्रतिबंधित टीएलपी ने सीमा लांघ दी है। टीएलपी के प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों की हत्या की है और सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया है। वह बड़े पैमाने पर व्यवधान पैदा कर रहे हैं। दूसरी ओर टीएलपी के प्रवक्ता का कहना है कि प्रतिबंधित संगठन अपनी मांगों पर कायम है।
प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के कार्यकर्ताओं के हिंसक रुख से पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियां भी हैरान हैं। टीएलपी के प्रदर्शनकारी विरोधी प्रदर्शनों के दौरान पुलिसकर्मियों पर मशीन गनों से गोलीबारी कर रहे हैं जिससे सुरक्षा अधिकारी स्तब्ध हैं। अधिकारियों का कहना है कि कट्टरपंथी टीएलपी के कार्यकर्ता इस्लामी आतंकवादी समूह में तब्दील हो गए हैं। इन रिपोर्टों के बाद आतंकवाद को पालने पोषने वाली इमरान सरकार सन्न है। मंत्री बार बार प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दे रहे हैं लेकिन उन पर कोई असर नहीं हो रहा है।