मुंबई ब्यूरो। पिछली सदी के नौवें दशक के दौरान म्यूजिक वीडियो बनाने का खूब चलन था। गुड़ नाल इश्क मीठा…, आफरीन आफरीन…, याद पिया की आने लगी…, अब मुझे रात दिन तेरा ही ख्याल है… जैसे अनेक म्यूजिक वीडियोज ने म्यूजिक इंडस्ट्री की शक्ल बदल दी थी। वह दौर लौट आया है। कोरोनाकाल में जब फिल्मों के गाने रिलीज नहीं हो रहे थे, तब म्यूजिक वीडियोज धड़ाधड़ रिलीज हुए। इंटरनेट मीडिया के दौर में सब कुछ व्यूज का खेल हो गया है। गायक खुद म्यूजिक वीडियो का हिस्सा बन रहे हैं। म्यूजिक वीडियो के बाजार, इन्हें बनाने की चुनौतियों व उनमें कलाकारों की दिलचस्पी की पड़ताल कर रही हैं प्रियंका सिंह
ऐसा है म्यूजिक वीडियोज का गणित
म्यूजिक वीडियोज में व्यूज का गणित अहम है। ध्वनि भानुशाली के म्यूजिक वीडियो वास्ते… को 130 करोड़ बार देखा गया है, वहीं लुट गए गाना कुछ ही समय में एक अरब बार देखा जा चुका है। हिंदी, पंजाबी, गुजराती, बांग्ला के अलावा श्रीलंकाई गायिका योहानी दिलोका डी सिल्वा का मनिके मागे हिते गाना म्यूजिक वीडियो के रूप में भारतीय दर्शकों तक पहुंचा, जिसे खूब पसंद किया गया।
फिर लौटा म्यूज वीडियोज का जमाना
निर्देशक जोड़ी विनय सप्रू और राधिका राव ने पिछली सदी के नौवें दशक से लेकर अब तक कई म्यूजिक वीडियो और फिल्मी गानों का निर्देशन किया है। उस्ताद नुसरत फतेह अली खान के गाने किन्ना सोणा, कांटा लगा, मैंने पायल है छनकाई से लेकर वास्ते और लुट गए जैसे म्यूजिक वीडियो का निर्देशन करने वाले विनय कहते हैं, ‘कुछ निर्देशक सिर्फ डांस के माध्यम से कहानी कह देते हैं, लेकिन मैं और राधिका गाने की अपनी दुनिया बनाने में विश्वास करते हैं। फिल्मों में एक सिचुएशन होती है, लेकिन जब गैर फिल्मी गाने होते हैं तो हमें खुद एक सिचुएशन बनानी पड़ती है।’
खाली कैनवास में रंग भरना बड़ी चुनौती
विनय आगे कहते हैं, ‘जब हमारे पास गाने म्यूजिक वीडियो बनाने के लिए आते हैं तो वे एक खाली कैनवास की तरह होते हैं। फिल्म ‘दबंग’ के गाने ‘मस्त मस्त दो नैन में’ हमें पता था कि चुलबुल पांडे और रज्जो का रोमांस कैसा है, लेकिन म्यूजिक वीडियो में दर्शक कब क्या पसंद करेंगे, इसकी जानकारी रखनी जरूरी होती है। ‘याद पिया की आने लगी…’ गाने में मैंने दिव्या खोसला कुमार से चोटी हाथ में लेकर डांस कराया था। वास्ते में गायिका को बीच में ही डायलाग दे दिया था। हालांकि दर्शक को वह अच्छा लगेगा या नहीं इसका डर होता है।
अब नहीं दिखते एक्टर्स
आशा भोसले के गाने में हमने उन्हें परी वाला लुक दे दिया था, पंकज उधास के गाने ‘आहिस्ता कीजे’ में एक आस्ट्रेलियन लड़के का भारतीय लड़की से प्यार दिखाया था, लुट गए गाने में इमरान हाशमी को लिया था। यह हम तभी कर पाए, जब हमें गायकों ने सपोर्ट किया। हम म्यूजिक वीडियो को ग्लोबल सोच के साथ बनाते हैं, क्योंकि आज की पीढ़ी अंतरराष्ट्रीय गायक जस्टिन बीबर और सेलिना गोमेज को म्यूजिक वीडियो में देख रही है। वे अब गायक और उसकी प्रतिभा को देखना चाहते हैं, न कि किसी एक्टर को। एक्टर वाला फार्मूला अब कम चलता है
करोड़ों रुपए का दांव
दिल गलती कर बैठा है…, लुट गए जैसे कई म्यूजिक वीडियो और फिल्मी गानों के गायक जुबिन नौटियाल अब अपने म्यूजिक वीडियो में खुद भी एक्टिंग करने लगे हैं। वह कहते हैं कि पश्चिमी देशों के कई ट्रेंड हमारे यहां फालो होते हैं। आज कलाकारों से अलग म्यूजीशियंस की अपनी अलग जगह है। दूसरे देश में म्यूजीशियन बहुत बड़े बन गए हैं, सिर्फ अपने संगीत की वजह से। मुझे लगता है कि हिंदुस्तान में भी वह दौर आ रहा है। एक सफल म्यूजिक वीडियो करोड़ों रुपये कमा सकता है और करोड़ों रुपये उस पर लगा दिए जाते हैं। आज डेढ़ से दो करोड़ रुपये सिर्फ म्यूजिक वीडियो बनाने में लग जाते हैं। मेकर्स भी पैसा इसलिए लगा पाते हैं, क्योंकि उनका पैसा मुनाफे के साथ वापस आता है। मेरे जैसे कई आर्टिस्ट हैं जो छोटे शहरों से बड़े सपने लेकर आए हैं। अब उन्हें किसी म्यूजिक लेबल की जरूरत नहीं है। यूट्यूब पर अपना म्यूजिक चैनल शुरू कर सकते हैं।
लुभावना देसी मिजाज
पंजाबी गानों के गायक और अभिनेता गिप्पी ग्रेवाल कहते हैं कि म्यूजिक वीडियो के गानों में लोक गीतों का टच होना जरूरी है। मैं पंजाब के एक गांव में पैदा हुआ हूं। मेरी भाषा ठेठ पंजाबी है। जिन गायकों को सुनता था जैसे चमकीला जी, कुलदीप मानक जी वह देसी पंजाबी लोकगीत गाते थे। उनका असर मुझ पर रहा है। म्यूजिक वीडियो में अगर देसीपन होता है तो वे गाने न सिर्फ देश में चलते हैं, बल्कि उनके जरिए विदेश में लोगों को यहां की संस्कृति पता चलती है। मैं अपने म्यूजिक वीडियो को व्यूज की रेस में नहीं।