ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार 2011 में नौकरी में आये थे और 12 साल से ज्यादा की नौकरी में करोड़ों की अवैध संपत्ति जमा कर ली। अवैध कमाई की बदौलत पटना, गया समेत अन्य कई शहरों में जमीन के प्लॉट, मकान और फ्लैट खरीद ली है। चार करोड़ से ज्यादा कैश घर में मिले, जो एक रिकॉर्ड ही है। जितेंद्र कुमार के घर में मौजूद आधा दर्जन से अधिक गोदरेज की आलमारी को खोला गया, तो इनमें रखे बड़े-बड़े झोलों में 500 एवं दो हजार के नोटों की गड्डियां मिलीं। सभी झोलों में रखे नोटों को निकालकर जब गिनने का सिलसिला शुरू हुआ, तो निगरानी ब्यूरो के कर्मी परेशान हो गये। मदद के लिए नोट गिनने की दो मशीन के साथ दो बैंककर्मियों को बुलाना पड़ा।
जितेंद्र कुमार के खिलाफ निगरानी ब्यूरो ने अब तक एक करोड़ 59 लाख रुपये से ज्यादा की अवैध संपत्ति का डीए (आय से अधिक संपत्ति) केस दर्ज किया है। परंतु जांच में मिली इतनी ज्यादा अवैध संपत्ति खासकर कैश और ज्वेलरी के कारण इनपर लगे डीए केस की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। पटना के संदलपुर में मातृछाया अपार्टमेंट में फ्लैट नंबर 301 के जो कागजात उनके पास से मिले हैं, वे बेनामी है। यानी इन्होंने अपनी काली कमाई छिपाने के लिए किसी दूसरे के नाम से यह संपत्ति ले रखी है। इस मामले में उनके खिलाफ अलग से भी मामला दर्ज हो सकता है और बेनामी एक्ट में कार्रवाई हो सकती है।
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