अमेरिकी आयोग ने कहा- बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले ‘गंभीर और परेशान’ करने वाले, कार्रवाई करने को कहा

वाशिंगटन। धार्मिक स्वतंत्रता पर एक अमेरिकी आयोग ने कहा कि वह बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हुए हमलों से ‘गंभीर रूप से परेशान’ हैं। इसके साथ ही अमेरिकी आयोग ने बांग्लादेशी प्रधान मंत्री शेख हसीना से हिंदू विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने वाले चरमपंथी तत्वों पर कार्रवाई करने का आग्रह किया है। हमले की निंदा करते हुए अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआइआरएफ) के अध्यक्ष नादिन मेंजा ने कहा कि हाल ही में बांग्लादेश में भड़की हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की लहर से गंभीर रूप से परेशान हैं।
उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा अर्धसैनिक बलों को भेजकर हिंसा की जघन्य अपराधों को रोकने की कार्रवाई की सराहना करते हैं। हालांकि, हम बांग्लादेशी सरकार से देश में हिंदू विरोधी भावनाओं को भड़काने वाले चरमपंथी तत्वों पर कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं। इसकी आयुक्त अनुरीमा भार्गव ने कहा कि हिंदू पूजा स्थलों पर व्यापक हमलों और अपवित्रता से विशेष रूप से परेशान हैं।
उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक हिंसा में सैकड़ों लोग घायल हुए हैं और कुछ की मौत हो गई है। बांग्लादेश सरकार से देश में हिंदुओं और सभी धार्मिक समुदायों के अधिकारों और सुरक्षा की रक्षा करने और इन भीषण हमलों के अपराधियों को जिम्मेदार ठहराने का आग्रह करता है।

इस बीच, एक अमेरिकी राजनयिक पीटर डी. हास ने कहा कि दस लाख रोहिंग्या शरणार्थियों को अपने यहां शरण देने की उदारता के लिए वह शेख हसीना सरकार की प्रशंसा करते हैं। उन्होंने सीनेट की विदेशी संबंधों की समिति को बताया कि पिछले पांच दशकों से अमेरिका बांग्लादेश का विश्वसनीय मित्र है। उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में हाल ही में हुई सांप्रदायिक झड़पों में कम से कम सात लोग मारे गए हैं। बांग्लादेश में 13 अक्टूबर से हिंदू मंदिरों पर हमले हो रहे हैं। 17 अक्टूबर की देर रात, भीड़ ने बांग्लादेश में हिंदुओं के 66 घरों को आग लगा दी।